जंगल का राजा 3 नई कहानी 2022 की

                                     जंगल का राजा

                                             3
                                   सुन्नी रेगिस्तान
Launcher--abhay m.
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Writter---yuvraj

 and ayush

Painter---abhishek
जंगल का राजा 3 नई कहानी 2020 की,new story
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Song creater---tarun

Singer---nitin

Start

पाँच साल पहले की बात है जब दोनो शेरौ ने हमला किया  था तब उन दोनों शेरो को आग से जलाकर मार दिया था ईसलिए हर साल उन दोनों शेरों  को मारने की खुशी मे जशन मनाया जाता है आज उस जसन की रात है सभी, जानवर खुशी से जश्न मना रहे थे कि  अचानक  एक घायल हूंट घायल स्थिति में आकर गिरा और सारे जानवर घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे    तभी रानी किरण ने  कहाँ सभी जानवर रुक जाओ और इधर  आओ तो सभी जानवर अपनी अपनी जगह पर थम गए और धीरे धीरे  चलते  हुए घायल ऊंट के पास आए भालू बोला अरे यहा ऊंट कहां से आया तभी एक हिरण बोली ऊंट से क्या मतलब वहां घायल है उसे वेद के पास ले  चलो तभी ऊंट बोला की मेरे पास ज्यादा समय नहीं है तुम सब लोग मेरी बात ध्यान से सुनो बहुत साल पहले की बात है एक रेगिस्तान  था जिसे सारे ऊंट खुशियों का रेगिस्तान कहते थे क्योंकि वहां की रानी ऊंट बहुत अच्छी थी वहां सब को खुश रखती थी
 उनका एक महल था जिसमें 1 देवी की   मूर्ति थी मूर्ति के नीचे एक गुप्त खजाना था उसी खजाने मैं एक मणि थी जो कि  बहुत कीमती थी रानी का एक सेनापति था जिसका नाम ङुगारा था
 वहां सेनापति बहुत   दुष्ट  था वहां उस खजाने को हड़पना चाहता था लेकिन वहां मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता था क्योंकि उस मंदिर मैं अच्छे जानवर ही  प्रवेश कर सकते थे डूंगारा को वहां खजाना किसी भी हालत में चाहिए था इसीलिए उसने एक चाल चली उसने दूसरे रेगिस्तान के राजा को हमारे खिलाफ भड़का दिया और दूसरे रेगिस्तान का राजा हमारे रेगिस्तान से युद्ध के लिए आया और इसी बात का फायदा उठाते हुए डूंगारा ने रानी ऊंट को मार दिया और अपनी जादुई बांसुरी की मदद से उसने सभी  उठो को अपने वास में कर लिया रानी हिरण बोली लेकिन उसने रानी को क्यों मारा उठने जवाब दिया  उसे  लगा की रानी को मारने
से वहां मंदिर के अंदर प्रवेश कर  सकता है लेकिन वहां फिर भी मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर  सका तभी भालू बोला उसने सभी उठो को अपने बस में कर लिया था तो फिर तुम उसकी कैद में होने से कैसे बचे ऊंट बोला उसके   बस मैं तब होते हैं जब उसकी बांसुरी की आवाज सुनते हैं जब उसने बांसुरी बजाई तब सारे   ऊंटों के कान खुले हुए थे लेकिन मैंने अपने काम बंद कर रखे थे और इसी वजह से वहां कोई नहीं जाता था इसलिए उसे रेगिस्तान का नाम पड़ गया सुन रेगिस्तान और जब उसे पता चला कि मैं उसकी खेत में नहीं हूं उसने अपने सैनिकों को  मुझे मरवाने के लिए भेजें मैं किसी तरह से उनसे बचकर भाग गया और भागते भागते तुम लोगों के जंगलों में आ गिरा और उसने एक वैज्ञानिक का भी अपहरण कर लिया और उसे उसके साथ ले आया और उससे बोला कि तुम मेरे लिए एक ऐसी मशीन बनाओ कि वहां उस मंदिर के अंदर प्रवेश कर सके वैज्ञानिक बोला भला मैं तुम्हारे लिए मशीन क्यों बनाऊं अंगारा बोला क्योंकि अगर तुम मशीन नहीं बनाओगे तो मैं इन  सब उठो  को मार दूंगा और इसलिए और वैज्ञानिक ने मशीन बनाने के लिए हां कर दी और हॉर्स वैज्ञानिक का नाम डॉक्टर बाबू था डॉक्टर बाबू  था
भालू बोला वहां वैज्ञानिक तो हमारे डॉक्टर बाबू हैं  ऊंट बोला की मैं मेरे दोस्तों को बचाने के लिए जा रहा हूं क्या तुम लोग  मेरा साथ देंगे लेकिन पहले हम तुम्हें वेद के पास ले चलते हैं
INTERMISSION ________---- सभी जानवर ऊंट को वेद के पास ले गए वेद ने ऊंट के घाव को भर दिया और वहां एक दम ठीक हो गया फिर सभी जानवर   सुन्य रेगिस्तान के लंबे सफर पर निकल पड़े वहां थोड़ी दूर गए कि रास्ता भटक गए और एक जंगल में पहुंच गए जहां पर एक नवीन बड़ी मकड़ी रहती थी मकड़ी को देखते ही सभी जानवर डर गए मकड़ी मैं बहुत से से जानवरों को मार दिया तब हाथी जिराफ और बाघ ने मिलकर उस मकड़ी और बाघ ने मिलकर उस मकड़ी ने मिलकर उस मकड़ी को मार दिया और सही रास्ते से आगे बढ़े 2 दिन बाद वहां सब सुन्य रेगिस्तान के आधे सफर पर पहुंचे उसके आगे का रास्ता किसी को भी पता नहीं था अभी उनको एक मगरमच्छ मिला उन्होंने पूछा मगरमच्छ भाई क्या तुम्हें क्या तुम्हें सुन्य रेगिस्तान का साहिबाबाद  रास्ता  पता है मगरमच्छ बोला पता है सुन्य राजस्थान जाने के पांच पड़ाव है रानी हिरण बोली की की क्या तुम हमें वहां ले जा सकते मगरमच्छ बोला ले जा सकता हूं लेकिन एक शर्त है कि अगर  पड़ावो  को पार करते समय किसी की जान चली जाए तो मेरी जवाबदारी नहीं है भालू बोला ठीक है मगरमच्छ बोला जैसी तुम्हारी मर्जी चलते हैं सभी जानवर पहले पड़ाव पड़ाव के अंदर गए ही थे कि पानी की एक बहुत बड़ी लहर आई आई और बहुत सारे जानवरों को डूबा ले ले गई वहां सब आगे बढ़े आगे बढ़ने के बाद वहां सब दूसरे पड़ाव सब दूसरे पड़ाव के अंदर पहुंचे  इस बार वहां सब बड़ी सब बड़ी सावधानी से आगे बढ़े लेकिन फिर भी  आग के गोले ने कुछ जानवरों को अपने झांसे में लपेट लिया एक छोटा सा आग का गोला रानी हिरण को भी लग गया और रानी हिरण बेहोश हो गई सभी जानवर ने रानी को जगाने की बहुत कोशिश की लेकिन रानी  हिरण होश मै नहीं आई और उस सभी के आसपास लावा आ गया एक बड़ा सा बड़ा सा आग का गोला रानी हिरण की ओर तेजी से  बढ़ रहा था लेकिन रानी हिरण बेहोश थी  रानी हिरण को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भालू ने  आग के गोले के सामने आ गया और मारा गया सभी जानवरों को मंत्री भालू के मरने का बहुत दुख था वहां सब तीसरे पड़ाव के अंदर पहुंचे तीसरे पड़ाव को वहां पर ही करने वाले थे कि एक बड़ा सा भयानक बवंडर आया, सभी  जानवर घबरा कर भागने लगे सिर्फ मगरमच्छ ही अपनी जगह जगह पर डट कर खड़ा रहा क्योंकि उसे पता था कि इस बवंडर के जाल को कैसे तोड़ना है बवंडर ने मगरमच्छ को अपनी चपेट में ले लिया और मगरमच्छ बवंडर के अंदर जाकर जड़ को तोड़ दिया और सारे बवंडर अापने आप रुक गए और सब  चौथे    पड़ाव के अंदर पहुंच गए और ठंड की वजह से सभी जानवर को ठंड लग गई उनमें कुछ बच्चे भी थे   बर्फ की नुकीली घटाएं भी मगरमच्छ ने कहा कि कोई भी ज्यादा शोर मत करना और धीरे धीरे चलना रानी हिरण ने पूछा धीरे-धीरे ने पूछा धीरे-धीरे क्यों चले मगरमच्छ बोला क्योंकि अगर कोई भी ज्यादा तेज चलेगा तो बर्फ की नुकीली जटाये हम सब के उपर गीर जायेगी और हम में से कोई जींदा नहीं बचेगा बर्फ जटाओं को देखकर हाथी का एक बच्चा डर गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा और पढ़ाओ के बाहर की तरफ भागने लगा मगरमच्छ ने कहा सब लोग भागो नहीं -नहीं तो मारे जाओगे सब जानवर पढ़ाओ के बाहर की तरफ भागे और उन्होंने चौथा पड़ाव पार कर लिया वहां सब पांचवे पढ़ाओ के अंदर पहुंचे मगरमच्छ बोला गलत के निशान पर पेर नहीं रखना नहीं तो यहां तुम् हवा में उड़ा कर तीर से मारे जाओगे सभी जानवरों ने बड़ी सावधानी से कदम रखें और पांचवें पड़ाव को भी पार कर लिया लेकिन मगरमच्छ पीछे रह गया और गलत थी से उसके कदम गलत के निशान पर पड़ गए और उसे हवा में उड़ा दिया सामने से आते हुए तीरो ने मगरमच्छ के सीने को चीर दीया और मगरमच्छ की मौके पर ही मौत हो गई सभी जानवरों को मगरमच्छ के मरने का बहुत दुख हुआ और मगरमच्छ का दाग देखकर वहां सब सुन्नी रेगिस्तान पहुंच गए रानी किरण बोली कि हमें बड़ी चालाकी से काम करना होगा हमें मंत्री बालू जैसे सोचना होगा हमें कुछ ऐसा करना होगा कि तुम्हारा हमें देख नहीं पाए वह बोला कि हम उसकी कैद में होने का नाटक करते हैं इससे वहां हमें पहचान भी नहीं सकेगा लेकिन तुम सब जानवर ही उसकी कैद में होने का नाटक कर सकते हो हाथी ने पूछा कि तुम उसी खेत में होने का नाटक क्यों नहीं कर सकते उसने जवाब दिया क्योंकि डूंगर मुझे पहचानता है इसलिए मैं उसकी खेत में होने का नाटक नहीं कर सकता तुम सब जानवर जाओ और उन  ऊटो मे शामिल हो जाओ तब तक मैं डॉक्टर बाबू को आजाद करने की तरकीब सोचता  हू।             ----__जंगल का राजा ३             _____---पार्ट  2
तरकीब सोचता हूं सारे जानवर केद उठो मैं शामिल हो गए और ऊंट ने डॉक्टर बाबू को आजाद कराने की तरकीब सोच ली और वहां डॉक्टर बाबू को आजाद कराने गया ही था कि डूंगा रा के सैनिकों ने उसे पकड़ लिया और दूंगा रा के पास ले गए और डूंगरा ने ऊंट के गले पर नुकीला पत्थर रखकर बोला कि जो भी इस कमजोर ऊंट उसके साथ है वहां मेरे सामने आ जाए और जो मेरे सिपाही है वह मेरे पीछे आ जाए नहीं तो मैं इस ऊंट को मार डालूंगा डूगारा की बात सुनकर सभी जानवर डूंगा रा के सामने आ गए और कहा कि अब तुम उसको छोड़ दो लेकिन डूंगरा ने ऊंट को मार दिया सारे जानवर उदास हो गए तभी रानी हिरण बोली हिम्मत मत हारो और सभी इधर उधर भाग कर कहीं छिप जाओसभी जानवर भागकर छिप गए और उन्होंने नई चाल सोची और सभी धीरे से उठ के बीच छिप गए डूगा रा और उसके सैनिको ने जानवरों को ढूंढना शुरू कर दिया उन्होंने बहुत ढूंढा पर फिर भी जानवर उनको ना मिले फिर दूंगा रा की नजर 1 साल पर पड़ी और उसने उसकेसैनिकों से कहा इस साल को पकड़कर मेरे पास लाओ और दूंगा राने उसकी गर्दन पर भी नुकीला पत्थर रखकर बोला सभी जानवर बाहर निकल आओ तभी सभी जानवर हिरण के पास गए फिर हिरण ने कहा आधे जानवर आगे से जाओ और मुख्यमंत्री हाथी का तथा कुछ सैनिक उनके साथ जाओ और बाकी सब आगे की ओर जाओ रानी हिरण ने मुख्यमंत्री हाथी से कहा तुम पीछे से जाकर किसी प्रकार दूंगा रा को बेहोश कर दो जो जानवर आगे से गए थे वह दुबारा नहीं देखा कि इनमें एक हाथी नहीं है तब उसने अपनी तीसरी आंख का उपयोग किया उसकी तीसरी आंख उसके सिर के पीछे है उसने देखा कि हाथी एक लकड़ी लेकर उसे मारने के लिए आ रहा था तभी दूंगा रानी नुकीले पत्थर से मुख्यमंत्री हाथी का गला काट दिया हाथी तोमर गया सभी जानवर रोने लगे लूंगा रहने जादुई बांसुरी से सभी जानवरों को अपने खेत में कर लिया लेकिन जानी हिरण और नया मंत्री साल उसकी खेत में नहीं हुए क्योंकि उन्हें उनके दोस्त ऊंट की बात याद रह गई उसने कहा था कि मैंने अपने कान बंद कर लिए थे इसलिए मैं उसकी कैद में नहीं हुआ रानी हिरन और मंत्री साल ने अपने कान बंद कर लिए थे इसलिए वेडिंग आरा के खेत में नहीं हुए जब दोबारा आराम करने गया तो उसके साथी भी उसके साथ गए और जालौर हिरण ने योजना बनाकर डॉक्टर बाबू को छुड़ा लिया और रानी हिरण ने डॉक्टर बाबू से कहा कि सभी जानवरों  को कैसे छुड़ाएं तब डॉ बाबू ने कहा कि डूंगरा के पास की बांसुरी उसे उल्टा करकेबजाने से सभी जानवर उसकी कैद से आजाद हो जाएंगे शाम के वक्त जब दूंगा रात सो रहा था तब रानी हिरण ने उसके पास से बांसुरी चुरा ली और जब उसे उल्टा करके मजा आया लेकिन वहां के से बाहर नहीं आए फिर रानी हीरोइन को ऊंट की बात याद आ गई कि सुनने रेगिस्तान के बाहर ही इनको खेत से बाहर करा जा सकता है तब तक दूंगा रा आ गया और रानी ने बांसुरी बजा कर दूंगा रख को अपनी कैद में कर लिया और सुनने रेगिस्तान से बाहर ले गई बाहर ले जाने के बाद रानी हिरण ने ऊंटों को खेत से बाहर कर दिया और फिर बांसुरी को तोड़ दिया तभी लूंगा रा के सैनिक आ गए और उसमें युद्ध छिड़ गया अंगारा के सैनिकों ने बहुत से जानवरों को मार दिया और बाकी बचे जानवर भागकर छिप गए और उन्होंने योजना बनाकर हमला कर दिया और दूंगारा के सभी सैनिकों का नामोनिशान मिटा दिया तभी दो चट्टानों के टकराने से ऐसी आवाज आई जैसे बांसुरी को उल्टा करके बजाने से आती है इस आवाज को सुन कर दूंगारा की कैद से बाहर आ गए तभी दूंगा रा के पेट में 1 दिन लग गया और वहां शून्य रेगिस्थान की ओर भागा और तब तक दूसरा तीर जाकर उसके सिर में लगा और सुनने रेगिस्तान से थोड़ी दूर जाकर गिर गया जानवरों को लगा कि दुबारा मर गया उन्होंने रानी हिरण और सभी जानवरों का धन्यवाद किया और कहा कि हमारे साथ थोड़े दिनों के लिए हमारे खुशियों के रेगिस्तान में आ जाओ रानी हिरण ने कहा ठीक है सभी जानवर खुशियों के रेगिस्तान में आ गए उन्होंने वहां खूब मजा किया और थोड़े दिनों बाद वहां से चले गए और कुछ दिनों में वहां मंगोलिया के वन वन मतलब अपने जंगल में मैं पहुंच गए फिर एक बूढ़ा मोड़ आया उसने एक गाना गाया पक्षी आया उसने एक गाना गाया  गाना ------  ,"*चेहरा आपके बाए हाथ पर स्टार एक तरफ दूंगा रा एक तरफ हिरण इन दोनों की लड़ाई हिरण की सेना चली पहली बार में भालू आया हिरण की जान बचाई और अपनी जान गवाई फिर से शुरू हुई लड़ाई हिरण की सेना चली"" सभी ने पक्षी का नाम पूछा पक्षी बोला मेरा नाम एंग्री है
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और मैं इस जंगल में रहने के लिए आया हूं सियाल ने पूछा तुम कहां से आए हो एंग्री ने उत्तर दिया मैं खुशियों के रेगिस्तान से आया हूं रानी हिरण ने पूछा पर हमने तो वहां तुम्हें कभी नहीं देखा एंग्री ने कहा मैं वहां नहीं रहता पर मेरा भाई रानी के महल में मंत्री था और उसे डूंगा हराने मार दिया था उसी का बदला लेने के लिए मैंने बहुत कोशिश की परंतु मैं उसे ना मार सका फिर वहां ऊंट तुम्हें लेकर आया और मुझे लगा कि तुम लोग मेरा बदला ले लोगे लेकिन तुम फिर भी धारा को ना मार सके सियाल बोला लेकिन हमने तो उसे मार दिया था एंग्री बोला नहीं वह नहीं मरा रानी ही रंगोली पर कैसे एंग्री बर्ड ने जवाब दिया दूंगा रा को तभी मारा जा सकता था जब वहां सुनने रेगिस्तान के बाहर हो सियाल बोला हां पर हमने उसे सुनने रेगिस्तान के बाहर ही मारा था एंग्री बोला हां पर जब उसे पहला तीर लगा था तब वहां सुन रेगिस्तान की तरफ भागा और जब दूसरा तीर लगा तो वहां गिरा मगर सुनने रेगिस्तान के अंदर गिरा और जिंदा बच गया और अब पूरे जंगलों में सबसे बड़ी सेना कालीघाट के वन के राजा काले चीते से मिला और तुम लोगों के जंगल को तबाह करने आ रहा है रानी हिरण बोली भला हम तुम पर यकीन क्यों करें एंग्री ने कहा यकीन नहीं है तो जो सैनिक जंगल के प्रवेश द्वार पर खड़ा रहता है उसे तुम्हें सूचना मिलेगी तब तो यकीन होगा रानी हिरण ने कहा ठीक है हम तुम पर भरोसा कर तो ले ले लेकिन इस समस्या से बचने का कोई उपाय तो सोचना पड़ेगा
इंटर्मिशन-----------
उन्होंने उपाय सोच लिया और युद्ध के लिए तैयार हो गए तभी स्याल ने कहा उनके पास कितनी सेना है उंगली ने कहा 200000 रानी हिरण ने कहा हमारे पास उनकी आदि सेना से भी कम है एंग्री ने पूछा कितनी रानी हिरण बोली 100000 है एंग्री ने कहा कि उनके मुताबिक हमारी सेना बहुत कम है रानी हिरण बोली कि अपने पास सेना भले ही कम हो मगर यह से डरने से क्या होगा हमेशा याद रखना सच्चाई की ही जीत होती है तभी प्रवेश द्वार पर खड़े सैनिक ने युद्ध की सूचना दे दी सभी जानवर युद्ध के लिए तैयार हो गए और दूंगा रा और रानी हिरण की सेना युद्ध के मैदान में पहुंच गए दुंगारा रानी हिरण से बोला उस वक्त तो मैं बच गया परंतु अब तुम नहीं बच सकोगे रानी हिरण बोली यहां तो वक्त ही बताएगा कि कौन मरेगा और कौन जिंदा बचेगा युद्ध शुरू हो गया और डूंगर की तरफ से पहला तीर छोड़ा गया और रानी हिरण के एक सैनिक को जाकर लगा मंत्री श्याल बोला हमला करो रानी हिरण की सेना भारी पड़ने लगी दूंगा रा ने कहा 2 सैनिक उनके एक सैनिक को मारो सभी ने प्रयास भी किया लेकिन फिर भी रानी हिरण की सेना भारी पड़ने लगी और उनकी आदि सेना को मार दिया काले चीते को गुस्सा आया और उसने उसके सभी सैनिकों से कहा रुक जाओ और वापस लौट चलो हम फिर से युद्ध के लिए आएंगे पहला दिन पूर्ण होने को आया सभी जानवर भी वापस जंगल से लौट गए सभी जानवर दूसरे दिन के युद्ध के लिए तैयारी करने लगे अब शाम के 7:00 बज चुके थे छोटे जानवर सो चुके थे और जो जानवर युद्ध के लिए जाने वाले थे वे सभी एक जगह पर इकट्ठे हुए रानी हिरण ने उन्हें समझाया कि अब हमें अच्छे उपाय के साथ जाना पड़ेगा क्योंकि पहला तीर हमेशा धारा की तरफ से छोड़ा जाएगा और वहां तीर हमारे किसी सैनिक को ही लगेगा इसलिए हमें चौकन्ना रहना पड़ेगा सुबह हो गई और सभी जानवर युद्ध के मैदान में पहुंच गए और हमेशा की तरह पहला तीर दूंगारा की तरफ से छोड़ा गया और हमेशा की तरह रानी हिरण को लगा कि तीर किसी सिपाही को जाकर लगेगा परंतु ऐसा नहीं हुआ और तीर जाकर रानी हिरण को लगा और क्षण भर में ही रानी हिरण की जान निकल गई सभी जानवर मैदान छोड़कर भाग गए और जंगल में पहुंच गए दुंगरा हंसने लगा और बोला कि अब इन जंगल वालों को कोई नहीं बचा  सकेगा दूंगरा वहां से चला गया और सभी जानवर युद्ध के मैदान में जाकर रानी हिरण को ले आए और रानी का अंतिम संस्कार कर दिया सभी जानवर खूब रोए तभी मंत्री से और बोला रोव मत हम जंगल में फिर से चुनाव करेंगे सभी जानवर राजी हो गए चुनाव में स्याल भालू शेर और चीता उतरे सबसे ज्यादा वोट मिले चिते को और इस बार राजा बना चिता चिता ने वहीं याद कानून रखे जो रानी हिरण ने रखे थे जिराफ ने देखा की डूंगारा और काले चीते की सेना जंगल में पहुंच चुकी है जिराफ ने सभी को सूचित कर दिया राजा चिता बोला सभी योजना अनुसार छुप जाओ सभी जानवर योजना अनुसार छुप गए और रक्षा कवच में भाग ले पास आकर तेजी से भागने लगे डूंगारा के सैनिकों को मारते हुए उनके बीच पहुंच गए और फिर से तेजी से भागते हुए बाहर आ गए डूंगरा को गुस्सा आया और उसने अंगनी तीर छोड़ा और आधे जानवर मारे गए अब दोनों तरफ बराबर के सैनिक थे फिर से डूंगरा ने और तीर छोड़े और चीते ने एक रक्षा कवच का गहरा बनाया और सभी से कह दिया कि तुम सब भी 10  10 का गहरा बना लो सभी ने ऐसा ही किया और जैसे ही दुंगरा के तीर आए वैसे ही वह रक्षा कवच से टूटकर गिर जाते डूंगा रा बार-बार तीर छोड़ता परंतु उसका कोई फल नहीं निकलता दूंगा रा को गुस्सा आया और उसने हमला बोला चीते ने भी हमला बोला दोनों सेनाओं में तमाशा युद्ध छिड़ गया और दूंगा रा के सभी सैनिकों को मार दिया और काले चीते को गुस्सा आया उसने तीर उठाया और चीते की तरफ फेंका चिता हट गया और तीर एंग्री को लग गया सभी एंग्री को वेद के पास ले गए और राजा चीते और मंत्री स्याल ने हाथी और जिराफ
के साथ मिलकर काले चिते को मर दिया डूंगारा भाग गया सब अंग्री के पास गए उन्होने वेद से पूछा कि अब अग्री कि हालत कैसी है वेद ने जवाब दिया अग्री बहुत गंभीर है इसका बचना बहुत मुश्किल है यह भट सुनकर सभी जानवर घबरा गए और प्रार्थना करने लगे कि एंग्री जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए कुछ दिनों बाद वैद्य ने सभी जानवरों से कहा आपकी प्रार्थना की वजह से आज एंग्री हमारे बीच फिर से आ गया है सभी जानवरों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और वे सभी इंद्री के पास गए श्याम ने एंग्री से पूछा अब कैसे हो एंग्री ने कहा ठीक हूं और बहुत जल्दी चलने भी लगूंगा राजा चीते ने कहा हमें डुंगारा का कुछ सोचना पड़ेगा सियाल ने कहा योजना कमरे में चलते हैं और कुछ एक्सपीरियंस जानवरों को लेकर चलते हैं राजा चिता और मंत्री
शियाल  एक्सप्रेस जानवरों को लेकर योजना कमरे में पहुंचे वहां पर सिर्फ 3 ही दिमागदार जानवर थे बूढ़ा जिराफ,हाथी और डॉक्टर बाबू सिर्फ ये तीनों ही अक्सप्रियांस जानवर थे क्योंकि राजा चित्ता और मंत्री शयाल नए नए राजा और मंत्री बने थे इसलिए वे अनुभवी नहीं  
थे और अच्छी योजना के लिए अनुभवी जानवरों को अपने साथ लाए जिराफ बोला हमें उनके तिरो से बचने के लिए तुमने जैसा घेरा बनाया था वैसा ही फिर से बनाना राजा चिता बोला लेकिन दुनगारा की सेना में तो एक भी सैनिक नहीं बचा हाथी बोला की वहां फिर से किसी जंगल के राजा के स्था मिलकर हम पर हमला करेगा इसलिए हम जैसा कहते हैं वैसा ही करो  तभी डॉक्टर बाबू भोले की मैं अपनी मशीन से उसमें गैस भर लूंगा और फिर हमारे पास आज भी रहेगी लेकिन तुम तुम्हारी मशीन में गैस कहां से भरोगे डॉक्टर बाबू बोले एक जगह है जहां पर गैस है शाम हो गई और सभी जानवर सो गए और सुबह होते ही जानवर उस जगह पर जाने के लिए तैयार हो गए जहां पर गैस थी जब वे वहां पहुंचे तो डॉक्टर बाबू ने मशीन में एक लकड़ी की गाड़ी और फिर उसे वापस निकाल ली वहां से जैसे ही गैस निकली सभी जानवरों को बदबू आने लगी तभी लगता बाबू ने अपनी मशीन में किस फैमिली और सभी जानवर वहां से चले गए सभी जंगल में पहुंचे दूंगा रे भक्ता भक्ता काले चीते के छोटे भाई जलाई के जंगल में पहुंचा जलाई के सैनिक ने डूंगरा को पकड़ लिया और जलाई के पास ले गए जलाई बोला कों हो तुम दुंगरा बोला पहले तुम बताओ कि तुम को हो जलाई बोला तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम मुझसे पूछो की में कोन हूं सैनिक इसे खत्म कर दो सैनिक दुंगरा को मारने गए ही थे कि दुंगरा ने जलाई को ही मर दिया यह सब देखकर जलाई के सैनिक डर गए और जैसा दुंगरा कहता वैसा ही करते वह सब दुंगरा के गुलाम हो गए थे दुंगरा अपनी सेना के साथ राजा चीते के जंगल में पहुंचा जिराफ ने सबको बता दिया कि दुंगरा आ गया है सभी युद्ध के लिए तैयार हो गए जैसे ही दुंगरा के सैनिक आए वैसे ही राजा जीते के सैनिकों ने हमला बोल दिया उन्हें पता ही नहीं चला और एक झटके में ही दुंगरा के सारे सैनिक मारे गए यहां देख कर डूंगर आ फिर से भाग खड़ा हुआ लेकिन इस बार राजा जितने ने भाला फेंका और भाले ने दुंगरा का सर काट दिया और दुंगरा मर गया सभी खुश हो गए और जश्न मनाने लगे
             The end
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